Tuesday, August 27, 2013

Yaadein....

कुछ खामोश थी आँखे आज तुम्हारी याद में,
कभी नाम कभी निराश ढूँढती तुम्हे तारों में,
ख्वाबों की पतंग जो उडाती रातों में,
फिर भी तुम्हे मिल ना पायी आज बातों में

बाहें जो हमारी तुम्हे ले ना पायी आघोष में,     
प्यासी रही  बेचारी बरसते सावन में,
ना हुआ जो एहसास तुम्हारा साँसों में, 
काश मिल जाते तुम हसीन वादों में, 

फिर एक दिन गुजरा हैं तुम्हारी याद में,
चाह के भी कह ना पाए ऐसे एहसास में, 
भीड़ में कही ढूँढ ना पाए तुम्हे, 
फिर भी नजर आये हो बंद आंखों से 


                      



 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx अनुराग xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx